Saturday, 17 March 2018

राजस्थान की एक प्रथा घुड़ला पर्व की कहानी

राजस्थान में एक प्रथा घुड़ला पर्व प्रचलित है।

मारवाड़ में होली के बाद एक पर्व शुरू होता है, जिसे घुड़ला पर्व कहते हैं।

जिसमें कुँवारी लडकियाँ अपने सिर पर एक मटका उठाकर उसके अंदर दीपक जलाकर गांव और मौहल्ले में घूमती हैं और घर घर घुड़लो जैसा गीत गाती हैं।

अब यह घुड़ला क्या है ?

कोई नहीं जानता है।

घुड़ला की पूजा शुरू हो गयी।

यह भी ऐसा ही घटिया ओर घातक षड्यंत्र है जैसा कि अकबर को महान बोल दिया गया।

दरअसल हुआ यह था कि घुड़ला खान अकबर का मुग़ल सरदार था और अत्याचारऔर पैशाचिकता में भी अकबर जैसा ही गंदा पिशाच था।

ज़िला नागौर राजस्थान के पीपाड़
गांव के पास एक गांव है कोसाणा।

उस गांव में लगभग 200 कुंवारी कन्यायें गणगौर पर्व की पूजा कर रही थी, वे व्रत में थी उनको मारवाड़ी भाषा में तीजणियां कहते हैं।

गाँव के बाहर मौजूद तालाब पर पूजन करने के लिये सभी बच्चियाँ गयी हुई थी। उधर से ही घुड़ला खान मुसलमान सरदार अपनी फ़ौज के साथ निकल रहा था। उसकी गंदी नज़र उन बच्चियों पर पड़ी तो उसकी वंशानुगत पैशाचिकता जाग उठी।

उसने सभी बच्चियों का बलात्कार के उद्देश्य से अपहरण कर लिया। जिस भी गाँव वाले ने विरोध किया, उसको उसने मौत के घाट उतार दिया।

इसकी सूचना घुड़सवारों ने जोधपुर के
राव सातल सिंह जी राठौड़ को दी।

राव सातल सिंह जी और उनके घुड़सवारों ने घुड़ला खान का पीछा किया और कुछ समय में ही घुड़ला खान को रोक लिया।

घुड़ला खान का चेहरा पीला पड़ गया। उसने सातल सिंह जी की वीरता के बारे में सुन रखा था।

उसने अपने आपको संयत करते हुये कहा "राव तुम मुझे नहीं दिल्ली के बादशाह अकबर को रोक रहे हो। इसका ख़ामियाज़ा तुम्हें और
जोधपुर को भुगतना पड़ सकता है?"

राव सातल सिंह जी बोले "पापी दुष्ट! यह तो बाद की बात है। पर अभी तो मैं तुझे तेरे इस गंदे काम का ख़ामियाज़ा भुगता देता हूँ।"

राजपुतों की तलवारों ने दुष्ट मुग़लों के ख़ून से प्यास बुझाना शुरू कर दिया था। संख्या मे अधिक मुग़ल सेना के पांव उखड़ गये, भागती मुग़ल सेना का पीछा कर ख़ात्मा कर दिया गया।

राव सातल सिंह जी ने तलवार के भरपूर वार से घुड़ला खान का सिर धड़ से अलग कर दिया।

राव सातल सिंह ने सभी बच्चियों को मुक्त करवा उनकी सतीत्व की रक्षा की।

इस युद्ध में वीर सातल सिंह जी के  अत्यधिक घाव लगने से वीरगति को प्राप्त हुये।

उसी गाँव के तालाब पर सातल सिंह जी का अंतिम संस्कार किया गया। वहाँ मौजूद सातल सिंह जी की समाधि उनकी वीरता ओर त्याग की गाथा सुना रही है !

गांव वालों ने बच्चियों को उस दुष्ट घुड़ला खान का सिर सौंप दिया।

बच्चियों ने घुड़ला खान के सिर को घड़े में रख कर उस घड़े में जितने घाव घुड़ला खान के शरीर पर हुये, उतने छेद किये और फिर पूरे गाँव मे घुमाया और हर घर में रोशनी की गयी।

यह है घुड़ला की वास्तविक कहानी, जिसके बारे में अधिकाँश लोग अनजान हैं।

लोग हिन्दु राव सातल सिंह जी को तो भूल गए और पापी दुष्ट घुड़ला खान को पूजने लग गये।

इतिहास से जुड़ो और सत्य की पूजा करो।

और हर भारतीय को इस बारे में बतायें।

सातल सिंह जी को याद करो नहीं तो यह तथाकथित गद्दार इतिहासकार उस घुड़ला खान को देवता बनाने का कुत्सित प्रयास करते रहेंगे।

सभी से निवेदन है कि वे अपने सभी परिचितों को, चाहे उनके पास Whatsapp ना हो, उन्हें मौखिक रूप से इस शर्मनाक घटना की सच्चाई से अवगत करावें।

साभार: अजेष्ठ त्रिपाठी

तेरा_क्या_होगा_काफिर

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#नोट -- इस पोस्ट का SS रख लेना ये भविष्य है भारत का ।।
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मछलियां जब सोती है तो उनकी आंखें खुली रहती है , और वो देखती है कि कोई मगरमच्छ उन्हें खाने आ रहा है तब भी उनका शरीर उन्हें सतर्क नही करता और अंत मे एक दर्दनाक मौत मिलती है उन्हें । मुझे यदि हिन्दुओ की तुलना करनी हो तो मैं मछली से ही करूँगा , हिन्दुओ की सबसे बुरी बात की चार तभी इकट्ठे होते है जब पांचवा कंधे पर होता है । हम खतरे को देख रहे है सुन रहे है फिर भी अभी उम्मीद है कि कोई दूसरा करेगा , अरे भाई क्या आपकी जगह कोई अपनी गर्दन कटवाएंगे ???
यदि जवाब "हा" है तो बैठे रहो घरो में और यदि जवाब "न " है तो प्रतिरोध करो ,नही कर सकते नही उतर सकते जमीन पर तो कम से कम आर्थिक सहायता करना तो बन्द करो (आर्थिक बहिष्कार ) ।।

#मुझसे कई लोगो ने कहा कि इतनी नफरत कहा से ले आते हो भाई क्यों इतना उल्टा बोलते हो तुम लोगो मे नफरत फैलाते हो -- तो भैया हॉ मैं करता हूं नफरत और हमेसा करता रहूंगा जानते हो ये नफरत कहा से ले आता हूँ - कश्मीर से, केरल से, बंगाल से कासगंज से, मुज्जफरनगर से ऐसे बहोत से नाम है लिस्ट में दास्तान बताता गया तो रो पड़ोगे , क्या क्या हुआ है वहाँ ये तुम भी जानते हो मैं भी, फर्क इतना है कि ये सब देखकर भी तुम खामोश हो और मैं जिसदिन सोच लेता हूँ मुँह से निवाला नही उतरता । तुम्हे आने वाले भूचाल की आवाज सुनाई नही देती मुझे साफ साफ दिखाई देता है ।।

#इस पोस्ट का SS लेकर रख लेना , भारत का भविष्य आज बता रहा हूं वही होने वाला है जो ब्रिटेन का हो रहा है । भारत मे बहोत जल्द शरिया कानून लागू होगा और इसकी मांग आने वाले 10 सालों में शुरू हो जाएगी ।।

#ब्रिटेन की संसद के सदनों के 2 सभा स्थल है। इनमें से एक है ''हाउस ऑफ लॉर्ड्स'' और दूसरा है ''हाउस ऑफ कॉमन्स''। इनमे से 'हाउस ऑफ कॉमन्स'' के लिए पैलेस ऑफ वेस्टमिन्स्टर, जिसका अर्थ है वेस्टमिंस्टर का महल और जिसे हाउस ऑफ पार्लियामेंट या वेस्टमिन्स्टर पैलेस के नाम से भी जाना जाता है का इस्तेमाल होता है ।
एक दिन ब्रिटेन के सांसदों को मरम्मत कार्य के लिए वेस्टमिंस्टर पैलेस को छोड़कर कही और शिफ्ट करके काम चलाना पड़ा जिससे कि मरम्मत का कार्य भी पूरा हो जाये और संसदीय कार्य भी सम्पन्न हो सके इसके लिए ब्रिटेन की एक संसदीय कमेटी ने पसंदीदा विकल्प के तौर पर वेस्टमिंस्टर पैलेस के बाहर हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए एक अस्थायी ठिकाने के तौर पर रिचमंड हाउस की पहचान की गयी , जो ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग की जगह थी। लेकिन लंदन के इस भवन को दो साल पहले इस्लामिक आधारित वित्तीय प्रक्रिया के तहत स्थानांतरित किया गया था और लीज की शर्त है कि शरिया कानून द्वारा प्रतिबंधित उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल नहीं हो सकता। यानी जहाँ ब्रिटिश शासन ने हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए  शिफ्ट किया है वो जगह शरिया कानून व्यवस्था के अंतर्गत आती है और ब्रिटिश सरकार इतनी सक्षम नही है कि इसका प्रतिरोध कर सके ।।

#वहाँ के मूल ब्रिटिश नागरिकों को धमकाया जा रहा है कि या तो इस्लाम कबूल कर लो नही तो ब्रिटेन छोड़कर भाग जाओ, ब्रिटेन के कई हिस्से में शरिया कानून लागू है आये दिन ईसाई समुदाय और मुस्लिम समुदाय के बीच लडाई होती रहती है ,लव जिहाद वहाँ भी हो रहे है । वहाँ के मूल नागरिकों ने ब्रिटेन 1st नाम की एक मुहिम छेड़ी है लेकिन अब उसका क्या फायदा क्योंकि जब छेड़नी थी तब वो भी सोए हुए थे कि भाई है सब यहाँ सब मिलजुल के रहेन्गे कुछ नही होगा ,और आज ब्रिटेन 1st कर रहे है ।।

#आपको बर्मिंघम , डर्बी, देसबरी ,लीड्स ,लीसेस्टर, लिवरपूल, वाल्थम फारेस्ट ,ईस्ट लंदन आदि बहोत सी जगहों जहाँ मुस्लिम आबादी ज्यादा है वहाँ आपको पोस्टर लगे मिल जाएंगे जहाँ लिखा होता है कि -- " आप उस क्षेत्र में प्रवेश कर रहे है जहाँ शरिया कानून चलता है ।औरते हिजाब पहने और वही सब नाटक मुल्लो के, और ऐसा न करने पर सामूहिक बलात्कार जैसी घटनाएं आम हो चुकी है आज आप किसी गैर मुस्लिम महिला को बोले कि तुमको वाल्थम फॉरेस्ट जाना है ईस्ट जोन वो कभी नही जाएगी साथ मे तो शायद चली जाए अकेली तो सवाल ही नही है ।।
"You are entering a Sharia controlled zone: Islamic rules enforced" (below)

#भारत के आने वाले समय का एक दृश्य ब्रिटेन है जो आज रो रहा है ब्रिटेन में लोग आज सड़को पर है इस्लाम को बाहर करने की बात कर रहे है और मुस्लिम ये मांग कर रहे है कि ब्रिटेन में शरिया कानून लागू हो ।।

#विशेष -- 
चैनल4 पर एक डॉक्यूमेंट्री जिसका नाम ‘वॉट ब्रिटिश मुस्लिम्स रियली थिंक’ था जिसे आईसीएम पोल की तरह से कराया गया था यह एक सर्वे था जिसमें  मुस्लिमो से पूछा गया था कि वो क्या चाहते है 99.9% मुस्लिमो ने कहा उन्हें ब्रिटेन में शरिया कानून चाहिए ।।
ब्रिटेन की इंडिपेंडेंस पार्टी (यूकेआईपी) ने घोषणा की है कि वह आम चुनाव में अपने घोषणापत्र में सार्वजनिक रूप से मुस्लिम महिलाओं द्वारा बुर्का या पूरे चेहरे को ढकने पर प्रतिबंध लगाने का वादा करेगी। लेकिन अब शायद ऐसा करना मतलब ब्रिटेन में गृहयुद्ध होना और कमोबेश यही हाल भारत मे होने वाला है ।

खुस मत हो आप अब जरा सोचिए कि जब भाईचारे के चक्कर मे ब्रिटेन जैसे विकसित राष्ट्र का ये हाल है तो आपका क्या होगा जब गर्दन पर चाकू रखकर कोई मुस्लिम पूछेगा की ----

                  " तेरा क्या होगा काफिर "
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Courtesy: Ajesth Tripathi, https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=359928471140231&id=100013692425716

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