Monday, 14 August 2017

लुटेरे_मुसलमान_पिंडारी

#लुटेरे_मुसलमान_पिंडारी

(प्रथम चतुर्वेदीजी का शोधपरक आलेख)

सलमान खान की एक मूवी आयी थी, नाम था #वीर ! मूवी ने नायक का नाम हिन्दू रख लिया, जिससे कोई विवाद ही ना हो, इतिहास से हम कोसो दूर थे, जो यह समझ ही नही सके, जिन पिंडारी को सलमान खान हीरो बनाकर प्रस्तुत कर रहा है, वह जिहादी मुसलमान ही थे ।

यह किस तरह का मायावी जाल इन मुसलमानो ने बॉलीवुड में फैला रखा है, इस लेख के माध्यम से इसे समझने की आप कोशिश कीजिये , की जिन पिंडारियों का महिमामंडन यह मल्लेछ सलमान खान कर रहा था, उनका इतिहास क्या था !!

यह पिंडारी अन्य मुसलमानो से अलग ना थे ! यह अफगान मुसलमान थे ! इनका विश्वप्रसिद्ध इतिहास एक यह है, की जब मराठों ने पानीपत की लड़ाई में 15000 पिंडारियों को अपनी सेना में भर्ती किया, तो जीती लड़ाई मराठे इन पिंडारियों की वजह से हार गए । अगर पानीपत की वह लड़ाई मराठे जीत जाते, तो भारत का इतिहास आज कुछ और ही होता । अचानक " अल्ला हु अकबर " का नारा देते हुए पिंडारियों ने निहत्थे मराठो पर धावा बोल दिया था । उस समय महाराष्ट्र में एक भी ऐसा घर नही था, जहां से किसी के भाई -पिता  या पति की लाश ना उठी हूँ । मराठी लोग आज भी अशुभ होने पर यही कहते है " लगता है पानीपत होगा "

तो यह तो पिंडारियों का एक इतिहास रहा ... लेकिन पिंडारियों ने सबसे ज़्यादा आतंक जहां मचाया, वह था राजस्थान ....

राजस्थान के राजपूत 800 सालो से लड़ते लड़ते ऐसे ही हाशिये पर आ पहुंचे थे, उसके बाद एक भयंकर बला उनके सिर पिंडारियों के रूप में आकर गिरी ! यही राजपूतो की अंग्रेजो से संधि का कारण बनी, क्यो की बिना अंग्रेजो के इन पिंडारियों का अंत संभव नही था, यह लोग कभी आमने सामने की लड़ाई नही लड़ते थे ।

15 हजार से 20 हजार का घुड़सवार पिंडारी दल किसी नगर पर आक्रमण करता, महिलाओ का बलात्कार, पुरषो की हत्या, बच्चो को उड़ा ले जाना, लोगो को मुसलमान बना देना, उनका धन लूट लेना, यही पिंडारियों का पेशा बन चुका था ।

31 मार्च 1817 से 11 दिन तक लगातार पिंडारियों ने 339 गांवो को लूटकर साफ कर दिया, 1820 आदमियों की इन्होंने हत्या की, 505 लोग इतने भयंकर रूप से घायल हुए, की बाद में उन्होंने दम तोड़ दिया, 2300 से ऊपर मृत्यु का आंकड़ा पहुंच गया । 6000 लोगो को बंधक बनाकर भयंकर यातना दी गयी । यह सभी पीड़ित हिन्दू थे, ओर बंधक बनाकर यातना देने की बात से स्पष्ठ हो जाता है कि यह लोग उनसे इस्लाम कबूल करवाना ही चाहते थे । इन पिंडारियों के दबाव में ही मेवाड़ की राजकुमारी कृष्णा को विष का प्याला पीना पड़ा था ।

उस समय की स्थिति यह थी कि सारा भारत अंग्रेजो के चंगुल में आ फंसा था । जहां मुसलमान अपने आतंक के नंगे नाच से हिन्दुओ को खून के आंसू रुला देते थे, वहीं अंग्रेजो को शुरू शुरू में केवल अपने व्यापार से मतलब था । यही कारण था कि अंग्रेज बहुत जल्दी भारत मे फैलते गए, इससे मुसलमानो का उपचार भी हो जाता, ओर दिन रात लूट मार का खतरा भी अब टलने लगा था । मराठा दरबार मे ही जब अंग्रेजी रेजीमेंड रहने लगे थे, तो अन्य राज्यो का तो कहना ही क्या था ...

पिंडारियों का सहयोगी था, आज की  राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया का खानदान भी । जिसने कोटा पर पिंडारियों के साथ हमला करके यहाँ की बहुत धन और सम्पदा को लुटा था ।

आजादी के बाद दुबारा नेहरू के रूप में भारत मे इस्लामी राज आने के बाद पिंडारियों के कुकृत्य को भुला दिया गया । ओर इन्ही दुस्ट पशुओं को हीरो बनाकर सलमान खान ने भारत मे जिहाद के नए आयाम पेश किए ।

#साभार प्रथम चतुर्वेदी जी, https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=504392196568465&id=100009930676208

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