Sunday 21 May 2017

धर्म परिवर्तन की उम्र भी 18 से कम नहीं होनी चाहिए

मतदान की उम्र 18 है तो धर्म परिवर्तन की उम्र भी इससे कम नहीं होनी चाहिए। कुछ अटपटी लगी हो बात तो समझा देता हूँ, लेकिन मैं जानता हूँ कि इसका अर्थ विधर्मी समझ रहे हैं। समझने की बारी हमारी है।

क्या आप को पता है कि भारत में एक मुस्लिम लड़की के लिए यौवन में आना उसका निकाह कराने के लिए काफी है ? क्या आप जानते है कि यह कानूनन वैध है? मतलब मुस्लिम लड़की अगर 18 से कम है लेकिन यौवन प्राप्त कर चुकी हो तो उसके साथ निकाह के बाद बनाया शरीर संबंध कानूनन बलात्कार नहीं है।

अगर अप समझते हैं कि इससे आप का क्या ताल्लुक, वे जो चाहे करें, तो एक अलग मसले पर जरा नजर डालिए । अगर गैर मुस्लिम लड़की भी मुस्लिम बन जाये और निकाह कर ले तो उसपर यही बातें लागू होती हैं। याने 14 से 18 तक हर गैर मुस्लिम लड़की। आप की बहन बेटी भी हो सकती है।

बुजुर्गों से पूछिए, 15 - 16 बहुत घातक समय माना जाता है यौवन का । आप भी कभी इस उम्र के रहे होंगे। याद करिए, बहुत कच्ची लेकिन बहुत संस्कारक्षम उम्र होती है। अब कुछ पहचान की लड़कियोंके किस्से याद करें जो घर से भागे हों या प्रेम में तड़पे हों। क्या उम्र थी पहले पहले प्यार की?

हाल ही बंगाल से लौटा वहाँ जमीनी काम करनेवाले लोगों से बातें की तो 15-16 ही सब से खतरनाक उम्र बताई गयी। आप का भी अनुभव जानना चाहूँगा।
लड़की भाग कर आती है तो सब से पहले उसे मुसलमान बनाया जाता है बाद में निकाह पढ़ाया जाता है। अब उसके साथ लड़के का शरीर संबंध कानून वैध है, क्योंकि वो भी मुसलमान बन चुकी है। न होती तो बलात्कार का केस बनता।

अब आप समझ गए होंगे धर्म परिवर्तन के लिए कम से कम 18 की उम्र मर्यादा क्यों हो। अगर 18 से कम उम्र में आप अपना लोकप्रतिनिधि चुनने के काबिल नहीं माने जाते तो क्या उससे कम उम्र में वो भी बिलकुल कच्ची उम्र में आप को धर्म परिवर्तन के लिए काबिल माना जाना सही है?

हमें अपने भाजपा सांसदों तथा विधायकों पर दबाव लाना होगा कि हिन्दू वोटों से जीते हो, हिन्दू की बहन बेटियों के सम्मान के लिए उत्तर प्रदेश ने तुम्हें जिताया है। अब आनेवाले चुनावों में यह मुद्दा संसद में पारित करवा दो, इसे 370 या मंदिर जैसा मत लटकाओ, हमारी बहन बेटियों की सुरक्षितता अभी जरूरी है ! इस कानून का संसद में पेश हो कर पारित होना उनके आनेवाले वि स चुनाओं से जोड़ा जाये तो ही इनकी आँखें खुलेंगी।

वैसे इसका विरोध करना आसान नहीं है। क्या कहके विरोध करेंगे, लव जिहाद आस्था का विषय है?

Courtesy: https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=10155329308454680&id=671199679

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