Friday 31 March 2017

NCERT का भारत विरोधी इतिहास

Courtesy #Sameer_Kaushik

ये दुर्भाग्य है की #NCERT पुस्तकों में यह सब पढाया जाता है । आप चाहें तो देख सकते हैं । आखिर हमारा इतिहास क्यों छुपाया जाता है । कठमुल्लों को बढ़ा चढ़ा के क्यों दिखाया जाता है ।

आज कल यह पढ़ाया जा रहा है बच्चो को !!!

1. वैदिक काल में विशिष्ट अतिथियों के लिए #गोमांस का परोसा जाना सम्मान सूचक माना जाता था। (कक्षा 6 -प्राचीन भारत, पृष्ठ 35, लेखिका - #रोमिला_थापर)

2. महमूद गज़नवी ने मूर्तियों को तोड़ा और इससे वह धार्मिक नेता बन गया। (कक्षा 7 - मध्यकालीन भारत, पृष्ठ 28)

3.1857 का स्वतंत्रता संग्राम एक सैनिक विद्रोह था। (कक्षा 8-सामाजिक विज्ञान भाग-1)

4. महावीर 12 वर्षों तक जहां-तहां भटकते रहे । 12 वर्ष की लम्बी यात्रा के दौरान, उन्होंने एक बार भी अपने वस्त्र नहीं बदले । 😞 42 वर्ष की आयु में उन्होंने वस्त्र का एकदम त्याग कर दिया। 😲 (कक्षा 11, प्राचीन भारत, पृष्ठ 101, लेखक - #रामशरण_शर्मा)

5. तीर्थंकर, जो अधिकतर मध्य गंगा के मैदान में उत्पन्न हुए और जिन्होंने बिहार में निर्वाण प्राप्त किया, की मिथक कथा जैन सम्प्रदाय की प्राचीनता सिद्ध करने के लिए गढ़ ली गई। (कक्षा 11-प्राचीन भारत, पृष्ठ 101, लेखक - #रामशरण_शर्मा)

6. जाटों ने, गरीब हो या धनी, जागीरदार हो या किसान, हिन्दू हो या मुसलमान, सबको लूटा। (कक्षा 12 - आधुनिक भारत, पृष्ठ 18-19, लेखक - #विपिन_चन्द्र)

7. रणजीत सिंह अपने सिंहासन से उतरकर मुसलमान फकीरों के पैरों की धूल अपनी लम्बी सफेद दाढ़ी से झाड़ता था। (कक्षा 12 -पृष्ठ 20, लेखक - #विपिन_चन्द्र)

8. आर्य समाज ने हिन्दुओं, मुसलमानों, पारसियों, सिखों और ईसाइयों के बीच पनप रही राष्ट्रीय एकता को भंग करने का प्रयास किया। (कक्षा 12-आधुनिक भारत, पृष्ठ 183, लेखक - #विपिन_चन्द्र)

9. तिलक, अरविन्द घोष, विपिनचन्द्र पाल और लाला लाजपतराय जैसे नेता उग्रवादी तथा आतंकवादी थे ।
(कक्षा 12 - आधुनिक भारत, लेखक - #विपिन_चन्द्र, पृष्ठ 208)

10. 400 वर्ष ईसा पूर्व अयोध्या का कोई अस्तित्व नहीं था। महाभारत और रामायण कल्पित महाकाव्य हैं ।
(कक्षा 11, पृष्ठ 107, मध्यकालीन इतिहास,लेखक - #आर_एस_शर्मा)

11. वीर #पृथ्वीराज_चौहान मैदान छोड़कर भाग गया और गद्दार जयचन्द गोरी के खिलाफ युद्धभूमि में लड़ते हुए मारा गया। (कक्षा 11, मध्यकालीन भारत, लेखक -
#प्रो_सतीश_चन्द्र)

12. औरंगजेब जिन्दा पीर थे। (मध्यकालीन भारत, पृष्ठ 316, लेखक- #प्रो_सतीश_चन्द्र)

13. राम और कृष्ण का कोई अस्तित्व ही नहीं था। वह केवल काल्पनिक कहानियां हैं । (मध्यकालीन भारत, पृष्ठ 245, लेखक - #रोमिला_थापर)

(ऐसी और भी बहुत सी आपत्तिजनक बाते आपको एन.सी.आर.टी. की किताबों में पढ़ने को मिल जायेंगी)

इन किताबों में जो छापा जा रहा हैं उनमें रोमिला थापर जैसी लेखको ने मुसलमानों द्वारा धर्म के नाम पर काफ़िर हिन्दुओं के ऊपर किये गये भयानक अत्याचारों को गायब कर दिया है ।

नकली धर्मनिरपेक्षतावादी नेताओं की शह पर झूठा इतिहास लिखकर एक समुदाय की हिंसक मानसिकता पर जानबूझकर पर्दा ड़ाला जा रहा है । इन भयानक अत्याचारों को सदियों से चली आ रही गंगा जमुनी संस्कृति, अनेकता में एकता और धार्मिक सहिष्णुता बताकर नौजवान पीढ़ी को धोखा दिया जा रहा है ।

उन्हें अंधकार में रखा जा रहा है । भविष्य में इसका परिणाम बहुत भयानक व भयावह होगा क्योंकि नयी पीढ़ी ऐसे मुसलमानों की मानसिकता न जानने के कारण उनसे असावधान रहेगी और खतरे में पड़ जायेगी ।

सोचने का विषय है कि आखिर किसके दबाव में सत्य को छिपाया अथवा तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है...??

Courtesy: https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=434499506887801&id=292543404416746

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