कश्मीरी क्या सारे पंडित आतंकवादी हैं अब तो..
"आतंकवादी हैं कश्मीरी पंडित !"
एनडीटीवी पर कहा शबनम लोन ने।
(इस एक वाक्य से सिर्फ अग्निशेखर ही नहीं, कश्मीरी पंडित ही नहीं मैं भी बहुत आहत हूँ, इतना ही नहीं मेरे देश का हर नागरिक आहत होगा।)
हाँ,शबनम लोन
आतंकवादी हैं कश्मीरी पंडित !
जिन्हें जेहादियों ने चुनचुनकर मारा
जिनकी बहु बेटियों को अगवा किया
जिनके साथ बलात्कार हुए
सामूहिक बलात्कार हुए
जिन्हें आरों पर जिन्दा चीरा
जिनकी छातियां काटकर फिर उन्हें जेहलम में फेंका
जिनके कवियों, कलाकारों, वकीलों, जजों,
पत्रकारों को गोलियों से भून डाला
जिनके मकान लूट लिए फिर जला डाले
जिन्हें डराने ,धमकाने ,भगाने के सारे कदम उठाए गये
जिनके घरों की छतों पर पत्थर फेंके जाते रहे
जिनकी बहु बेटियों के नाम जुलूसों में गालियाँ दी गयीं
जिन्हें कहा गया कि बहु बेटियाँ कश्मीर में छोड़कर चले जाओ
जिनके मंदिर और तीर्थ क्षतिग्रस्त किये गये
जिनके धार्मिक और ऐतिहासिक स्थानों के नाम बदले गये
जिनके शैक्षणिक और सांस्कृतिक संस्थान हडपे गये
जिनके घर,कारोबारी दुकानें, ज़मीनें,सेबों,बादामों के बाग छीन लिए गये
कहीं कहीं सेबों के हजारों पेड़ काट डाले गये
जिन्हें हर कदम पर सहमकर रहने को सह अस्तित्व की शर्त बनाया गया
जिनकी वंदहामा,नाडीमर्ग ,संग्रामपोरा आदि कई गाँवों में सामूहिक हत्याएं की गयीं
जिनकी जनसंख्या को ही नहीं, जिनके शहीदों की संख्या को भी घटाकर नगण्य कर दिया गया
जिनकी वापसी पर जेहादी आतंकवादियों और हुर्रियत नेताओं ने समय समय पर शर्तें लगाईं
जिनकी वापसी के लिए ज़मीन तलाशने की सरकारी मंशा की भनक लगते ही कश्मीर -बंद और चार महीने पत्थरबाजी चली
फतवा जारी किया गया, कश्मीर सिर्फ मुसलमानों का
जिन्हें कश्मीर मे कहा गया ,अगर कश्मीर में रहना होगा -अल्लाहो अकबर कहना होगा
ऐ काफिरो ऐ जालिमो कश्मीर हमारा छोड़ दो
भटन हुंद ब्योल खोदायन गोल ,यानी
(कश्मीरी पंडितों का बीज नासे)
भटन कबर बानहालि न्यबर,यानी
( कश्मीरी पंडित कश्मीर से बाहर मरें !)
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हाँ, शबनम लोन
आतंकवादी हैं कश्मीरी पंडित !
जिन्होंने कश्मीर को तबाह नहीं किया
जिन्होंने बावजूद सभी अनुकूल तर्कों के बंदूक नहीं उठाई
जिन्होंने हिंसा ,आतंक, घृणा का रास्ता नहीं अपनाया
जिनका क्रिमिनल-रिकॉर्ड निष्कलंक है शुरू से
जिन्होंने जंगल नहीं काट खाए
जिन्होंने हवाला की दौलत लेकर तोड़ फोड़ का मार्ग नहीं चुना
जिन्होंने भारत की एकता अखंडता और संप्रभुता से कोई समझौता नहीं किया
जिन्होंने कश्मीरी अलगाववादियों के अभद्र नारों के जवाब में अभद्र नारे नहीं गढे
हाँ, शबनम लोन
आतंकवादी हैं कश्मीरी पंडित !
क्योंकि आपके मरहूम अब्बा गनी लोन
(अलगाववादी नेता ) की तरह ,
क्योंकि आपके एक भाई हिलाल लोन (हुर्रियत नेता)की तरह,
और दूसरे भाई सज्जाद लोन(पूर्व आतंकवादी, अब भाजपा -पीडीपी सरकार में राज्यमंत्री ) की तरह
कश्मीरी पंडितों की ऐसी पृष्ठभूमि नहीं
क्योंकि कश्मीरी पंडित दहशतगर्दी के लिए प्रशिक्षण हेतु पाकिस्तान नहीं गये
क्योंकि यह सब करने या होने के बावजूद कश्मीरी जेहादी आतंकवादी "भटके हुए बच्चे" कहलाते हैं
पाकिस्तान के इशारे पर नयी रणनीति के चलते खाए -पीए घरों के पत्थरबाजों को ''मासूम बच्चे'' कहा जाता है
क्योंकि 'वहाबी इस्लाम' को 'कश्मीरियत' कहा जाता है
क्योंकि कश्मीरी पंडितों की जलावतनी को तत्कालीन गवर्नर जगमोहन की साजिश कहा जाता है
क्योंकि उनके भुगते सच को प्रतिक्रियावादी /हिन्दुत्ववादी/भाजपाई प्रोपेगंडा कहकर बचा जाता है
क्योंकि आप जानती हैं इस देश में लाखों कश्मीरी पंडितों के "जीनोसाइड " ( जाति संहार ) और
" रेलिजस क्लीन्जिंग "( धार्मिक सफाया /उन्मूलन )पर
तथाकथित मानवतावादियों,छद्म सेक्यूलरों, कांग्रेसियों, वामपंथियों ,पत्रकारों, साहित्यिकों ,मानवाधिकारवादियों आदि ने मुँह नहीं खोला ।
क्योंकि वे इस घनघोर मौन और भाजपाई बडबोलेपन के शिकार रहे
क्योंकि भाजपा ने अलगाववाद की समर्थक पीडीपी के साथ साझा सरकार बनाकर कश्मीरी पंडितों के प्रश्न को ठंडे बस्ते में डाल दिया ।
क्योंकि कश्मीरी पंडितों ने फिर भी सच कहना नहीं छोड़ा ।सच को कच्चे चिट्ठे की तरह रखा ।हर महफिल में अपनी हकीकत को रखा।
इसलिए उनका सत्य असुविधा पैदा करता है ।राजनीतिक विचारधारा जन्य समीकरण गडबडा जाते हैं ।
अतः आपकी बात सुनी और मानी जाएगी ।इसलिए आपने यों ही नहीं कश्मीरी पंडितों को आतंकवादी कहा।
साभार अग्निशेखर जी ।
साभार: https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1083612425105823&id=100003712281282
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