Saturday 22 April 2017

क्या हम कुछ सोचेंगे इस पर? भारतीय सेना ने ******* पर जुल्म किए हैं?

कल एक युवा मुस्लिम छात्र ने एक बात कही कि भारतीय सेना ने मुसलमानों पर जुल्म किए हैं, साथ साथ सिख और आदिवासियों तथा पूर्वोत्तर का भी नाम ले डाला । युवा बीस साल का है, जाहिल नहीं है ।
चिंतन के साथ चिंता का भी यह विषय इसलिए है कि यह तर्क नहीं, दुष्ट कुतर्क है लेकिन इतने कम उम्र में यह दिमाग में उतारा गया है कि भारतीय सेना ने मुसलमानों पर जुल्म किए हैं। और साथ साथ यह ट्रेनिंग भी दिखाई दे रही है कि अपनी लड़ाई का दायरा बढ़ाओ, दोषारोपण का दायरा बढ़ाओ, औरों को भी अपने साथ विरोध में लपेट लो ताकि विरोधी को अधिकाधिक मोर्चों पर लड़ना मुश्किल हो जाये। यह सोच पर आते हैं थोड़ी देर में। पहले सेना और जुल्म की बात को लेते हैं।
भारत में लोकतान्त्रिक सरकार है, केंद्र में भी और राज्यों में भी। राज्य में कानून और सुव्यवस्था राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी होती है। अगर कहीं फसाद, दंगे या विद्रोह की स्थिति में राज्य की पुलिस व्यवस्था या फिर केंद्र से मांगी CRPF वगैरा से भी स्थिति नियंत्रण में न आए तो ही सेना को पचारण किया जाता है और उसे स्पष्ट निर्देश होते हैं कि परिस्थिति शीघ्र काबू में लाएँ। उस समय मार्शल लॉं जाहिर किया जाता है और सेना को निर्ममता से दमन के आदेश होते हैं।
पुलिस के नियंत्रण से स्थिति बाहर इसीलिए होती है क्योंकि दंगा फसाद करनेवाले या विद्रोही उनसे अधिक सशस्त्र और प्रजा में आतंक फैलानेवाले होते हैं। भारत का कानून शस्त्र खास कर के firearms बिना कारण के यूं ही रखने की इजाजत नहीं देता, कड़े नियम होते हैं लायसेंस के। इसका मतलब एक ही है कि ये शस्त्र गैर कानूनी तौर से लाये गए होते हैं और इनका उद्देश केवल आतंक ही नहीं लेकिन देश से द्रोह है। निर्ममता से दमन ही सेना भेजने का प्रयोजन होता है और यह विद्रोहियों के गैर कानूनी हरकतों के कारण ही आवश्यक हो जाता है। जुल्म की कोई बात नहीं होती, आतंकी विद्रोह का दमन होता है। हाँ, ऐसे में गेहूं के साथ घुन भी पीसता है जिसका कोई इलाज नहीं। अगर आप आतंकियों को आसरा दोगे तो आप के साथ भी वही सलुख होना ही है।
बात समझानेपर भी यही जिद रही कि कश्मीर में इतने लोग मारे गए, इतने अभी भी गायब हैं ..... लेकिन इस बात से कन्नी काट रहे हैं कि यह परिस्थिति आई क्यूँ। क्यूँ सेना बुलानी पड़ी और अभी तक वहाँ रखनी पड़ी है। सेना पर बलात्कार के भी आरोप हैं और कश्मीरी पंडितों के साथ जो किया गया उसका नाम तक नहीं। केवल मुसलमानों पर जुल्म .... क्या वहाँ के मुसलमानों का जुर्म संगीन नहीं है कि वहाँ सेना भेजनी पड़ी, या शत्रु देश पाकिस्तान से हाथ मिलाकर देश द्रोह उनका इस्लामी हक़ और कर्तव्य है? और अगर केवल मुसलमानों पर जुल्म ही करना था तो और राज्यों में ऐसी कोई हरकत क्यों नहीं की सेना या सरकार ने ? और सेना भेजी तब तो कोई हिंदुवादी सरकार नहीं थी। क्यों victim victim खेल रहे हैं ?
रही बात सिक्खों की तो वहाँ एक ही जवाब है कि वहाँ क्या हुआ और ब्लूस्टार तक क्यों नौबत आई देश जानता ही है, पंजाब भी जानता है । उसके बाद भी सेना में सिक्ख कम नहीं हुए यह बात उनकी देशभक्ति का प्रमाण है, मजबूरी का नहीं, क्योंकि वहाँ रोजगार की कमी नहीं। लेकिन शायद देशभक्ति यह शब्द का अर्थ इस्लाम में समझना मना है तो पता नहीं, क्योंकि अजम खाँ जैसे बुजुर्ग सीधा कहते हैं कि इस्लाम देश से बड़ा है और जो मुसलमान ऐसा नहीं कहता वो मुसलमान नहीं।
आदिवासियों और पूर्वोत्तर में वामी और इसाइयों का ठगबंधन कार्यरत है और था। पूर्वोत्तर का इतिहास अभ्यासनीय है कि भारत ने उसे मिशनरियों से कैसे बचाया।
खैर, अभ्यास के कारण मैं तो इन बातों का उत्तर दे सकता हूँ, लेकिन चिंता यह है कि हमारे युवा शायद ही यह सभी जानकारी रखते हैं और ऐसे कुतर्कों के सामने निरुत्तर हो जाते हैं। इनको युवावस्था में ही यह सारी ट्रेनिंग दी जाती है जिसके कारण ये समाज में अपना झूठ भी प्रभावशाली तरीके से रखते हैं, खास कर के युवाओं के मनों को भ्रमित करते हैं।
उसके पास यह जवाब नहीं है कि मार्शल लॉं क्यूँ जरूरी होता है, लेकिन यह सवाल है कि भारत के हिन्दू सेना ने कश्मीर के मुसलमानों पर अत्याचार किए। कितने भारतीय जवानों का वहाँ अपनी भूमी की रक्षा करते हुए खून बहा ये वो नहीं जानती न उसे परवा है। कौन देता है उन्हें यह एकतरफा और झूठी जानकारी ?
और एक बात मैंने कही थी ट्रेनिंग की। इस युवा ने मुसलमान के साथ साथ सिख, आदिवासी और पूर्वोत्तर वालों को भी जोड़ लिया। मुसलमानों ने सिक्खों से क्या सलूख किया यह इतिहास है - एक मुसलमान को कहाँ से सिक्खों का प्यार उमड़ आया? यह केवल इस्लाम की सीख है जिसका जिक्र पाकिस्तानी ब्रिगड़िएर जनरल एस के मलिक ने अपने Quranic Concept Of War में खुलकर किया है। इस तरह अपने विरोधी के लिए लड़ाई का दायरा बढ़ाना, उसके खिलाफ औरों को उकसाना यह tactics होते हैं । कितने हिन्दू युवा इन tactics से परिचित हैं ?
क्या हम कुछ सोचेंगे इस पर?

Courtesy: https://www.facebook.com/436564770018769/videos/459156701092909/

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.

विश्वगुरु_भारत_से_विकासशील_भारत_का_सफर

-- #विश्वगुरु_भारत_से_विकासशील_भारत_का_सफर -- -------------------------------------------------------------------- इतिहास में भारतीय इस्पा...