श्रीराम और रावण के नामों का ही अर्थ जान लो सब जान जाओगे श्री राम और रावण होना क्या है ?
पहले मेरे प्रभुश्रीराम के नाम की व्याख्या करती हूँ
नित्यानन्दलक्षणेsस्मिन् योगिनो रमन्त इति राम:
“रमन्ते योगिनो यस्मिन्न् चिदानन्दे चिदात्मनि !
इति राम पदेनैतत् परं ब्रह्मभिधीयते ! ! “
इति पद्मपुराणे;स्वेच्छया रमणीयं वपुर्वहन्वा दाशरथी राम:!
अर्थात् ---नित्यानन्दस्वरूप भगवान् (जो नित्य आनँद प्रदान करने वाले हैं )में योगीजन रमण करते हैं ! इस लिये वे राम हैं
“जिस नित्यानन्दस्वरूप चिदात्मा में योगीजन रमण करते हैं वह पर ब्रह्म 'राम ' इस पद से कहा गया है “
यह पद्मपुराण में कहा गया है
अथवा अपनी ही इच्छा से रमणीय शरीर धारण करने वाले दशरथनन्दन ही श्री राम हैं !
“यस्मिन् रमन्ते मुनयो विद्यायाs ज्ञान विप्लवतं गुरु:प्राह रामेति रमणाद्राम इत्यपि ! अध्यात्म रामायण बा का ३/४०
विज्ञान के द्वारा अज्ञान के नष्ट होने पर मुनि जन जिनमे रमण करते हैं अथवा जो अपनी सुन्दरता से भक्तो के चित्त को रमाते (आनन्द करते )हैं उनका नाम गुरु वशिष्ठ ने राम रखा ! “
व्यास जी कहा है
रमयन् सुह्रदों गुणै:! आख्यास्यते राम इति ! !
यह अपने सगे सम्बंधी और मित्रों को अपने गुणों द्वारा अत्यन्त आनन्दित करेगा इस लिये इसका नाम राम होगा !
गोस्वामी तुलसी बाबा कहते हैं ---
जो आनंद सिंधु सुखरासी !
सीकर तें त्रैलोक सुपासी ! !
सो सुखधाम राम अस नामा !
अखिल लोक दायक बिश्रामा ! ! बा का १९६/३
अर्थात् ये जो आनंद के समुद्र और सुख की राशि हैं जिस (आनन्दसिन्धु )के एक कण से तीनो लोक सूखी होते हैं उन (आपके सबसे बड़े पुत्र )का नाम “राम “है जो सुख भवन और सम्पूर्ण लोकों को शान्ति देने वाला है ! !
अब रावण के नाम का अर्थ देखिए
रावण का जन्म नाम अलग है
अथ नामा करोत् तस्य पितामहसम:पिता
दशग्रीव:प्रसूतोsयं दशग्रीवो भविष्यति ! ! वा रा उ का १०/३३
उस समय ब्रह्माजी के समान तेजस्वी पिता विश्रवा मुनि ने पुत्र का नाम करण किया 'यह दशग्रीवाओ के साथ उत्पन्न हुआ है इस लिये इसका नाम “दशग्रीव “प्रसिद्ध होगा !
रावण नाम क्यों पड़ा ?
भगवान् शिव कहते हैं ---
देवता मानुषा यक्षा ये चान्येजगती तले !
एवं त्वामभिस्यन्ति रावणं लोक रावणम् ! ! वा रा उ का १६/३०
देवता मनुष्य यक्ष तथा दूसरे जो लोग हैं भूतल पर जो निवास करते हैं वे सब इस प्रकार समस्त लोकों को रुलाने वाले तुझ दशग्रीव को रावण कहेगे !
श्री राम का अर्थ त्रिलोकी को आनँद देने वाले हैं
और रावण का अर्थ त्रिलोकी को रुलाने वाला है
इस लिये इस दुरात्मा का वध करने के लिये स्वयं आदिपुरुष विष्णु तत्त्व ही श्री राम के स्वरूप में अवतरित होते हैं इस लिये श्री राम एक रावण को मारने वाले जो ईश्वर हैं वे श्री राम हैं
रावणस्य मरणं ते राम : ! ! 😍🙏🙏
साभार:
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1822268278095013&id=100009355754237
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