Wednesday 14 June 2017

लोकषड़यंत्र -३

वैश्विक और भारतीय परिदृश्य में कम्युनिस्ट विचारधारा के षड़यंत्र को समझने के लिए कम्युनिस्ट विचारधारा के उद्भव और जन्मदाताओं को समझिए।
चिंतन सही लगे तो प्रसारित करने के अनुरोध सहित।
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#लोकषड़यंत्र - ३

#Edom* और #स्वभक्षी_सत्ता

Duke De'Orleans  फ्रांस की क्रांति के असली छुपे हुए षड़यंत्र रचयिताओं की पहली पसंद था उसके कई कारण थे, जैसे वह सम्राट का चचेरा भाई था, Nobles यानी विशिष्ट वर्ग में उच्चतर पद पर भी था, धनी था, विचारक था, सत्ता की महत्वाकांक्षा से ग्रस्त था और  सबसे बढ़कर वह फ्रांस की फ्री मेसन शाखा में सर्वोच्च पद पर था #Grand_Master of #French_Free_Masonry...।

मिराबो के माध्यम से ड्यूक को Illuminati की सदस्यता मिल गई। अगले कुछ वर्षों में ड्यूक की हालत भी मिराबो जैसी हो गई। अर्थात्, भारी कर्ज़ और चारित्रिक हनन।

उसके कर्ज़ को भी भाईबंदी के हवाले देते हुए चुकता कर दिया गया, ठीक मिराबो की तरह।

यहाँ ये समझ लें कि ये वही धन था जो अय्याशियों, जुए और शराबखोरी के चलते इन लोगों ने अपने प्रशिक्षित जुआरियों , वैश्याओं और मदिरा विक्रेताओं के माध्यम से ड्यूक से छीना था।
अर्थात् ड्यूक की टोपी ड्यूक के ही सर धरी गई थी।

ड्यूक ने अपने यहूदी फायनेंसरों से एक लिखित समझौता किया था कि वे लोग उसकी प्रॉपर्टी और स्टेट का प्रबंधन करने के अधिकारी होंगे। ड्यूक का महल, घर ,ज़मीन इत्यादि पर वे लोग व्यवसाय खड़े करेंगे और लाभ का एक बड़ा अंश ड्यूक प्राप्त करेगा।
ड्यूक भी इस आटे में छुपे काँटे को निगल गया।

#पैलेइस_रॉयल* और लंबी चौड़ी जागीर के मैनेजर के तौर पर #Choderlos_de_Laclos* को नियुक्त किया गया। डी लाकलोस स्पेन मूल का यहूदी था।

इसने *पैलेइस रॉयल* को कुछ ही समय में दुनिया में सबसे बदनाम नशे और अय्याशियों के अड्डे में परिवर्तित कर डाला।
सभी तरह के अश्लील मनोरंजन, अवैध संबंध, बेशर्मी भरे कार्यक्रम, नग्न तस्वीरों की गैलरियाँ, पोर्न साहित्य के पुस्तकालय और पाशविक स्तर के कामुक दृश्यों के खुले मंचन की व्यवस्था की गई। स्त्री पुरुष को अवैध संबंध के लिए वहाँ विशेष सुविधा दी जाती थी।

इस बदनामी और बदमाशी की वजह से पैलेइस रॉयल  फ्रांस की धार्मिक आस्था और नैतिक मूल्यों के सुनियोजित सर्वनाश का केंद्र बनकर उभर रहा था।
इसके आधार में लूसिफर का एक सिद्धांत था , *The best revolutionary is a youth devoid of morals*... सबसे अच्छा क्रांतिकारी वो युवा होता है जो नैतिक मूल्यों से रहित होता है। (वामी खलकामी)।

डी लाकलोस का सहयोग करने के लिए पालमीरो से एक और यहूदी आया , Cagliostro, उर्फ, #Joseph_Balsamo* जोसफ बालसामो।
बालसामो ने ड्यूक की जागीर के एक भाग में प्रिंटिंग प्रेस लगाई। यहाँ से क्रांतिकारी विचारधारा के पत्र और साहित्य छपकर जनता में वितरित होने लगे। बालसामो ने प्रशिक्षित प्रचारकों की एक टीम रखी हुई थी। साहित्य के अलावा ये लोग नाटक नृत्य आदि आयोजित करते थे। इनका उद्देश्य मनुष्य के मन के निम्नतम स्तर को उभारना, वासनाओं को भड़काना, और फिर समस्त दमन के लिए राजसत्ता को अपराधी ठहराकर लोगों को क्रांति के लिए तैयार करना होता था।

इन दिनों फ्रांस की आबोहवा में एक अजीब सी खूनी गंध पसरी हुई थी। वॉल्तेयर, दिदरो, रूसो, तुर्गो, मिराबो आदि साहित्य के स्तंभ ऐसे नकारात्मक संदेश सतत जनता में दे रहे थे जिससे माहौल में नैराश्य गहन होता जा रहा था।

एकाएक #लाल_यहूदी_टोपियाँ क्रांति के प्रतीक रूप में प्रचलित हो गई थीं (अन्ना का आंदोलन याद आया ???!)
लाल झंडे गड़ने लगे थे।

सम्राट लुइस १६ वाँ इससे बिलकुल ही अनभिज्ञ भी नहीं था। उसने १७८९ के आरंभिक दौर में स्थिति संभालने के प्रयास भी किए किंतु सब प्रयास जैसे कोई अदृश्य शक्ति विफल कर रही थी।

हारकर सम्राट ने Commons के एक प्रतिनिधि मंडल को राजसभा में स्थान दिया। बहुत माथापच्ची के बाद एक National Assembly गठित हुई जो देश के संविधान की रचना के कारण Legislative Assembly भी कहलाई।
इस संविधान सभा के अध्यक्ष के दाहिनी ओर राजसत्ता के प्रति वफादार और परंपरावादी लोग बैठते थे।
अध्यक्ष के बाँई ओर बैठनेवाले प्रजातंत्र के हिमायती, विद्रोही और प्रखर विचारक व वक्ता थे।

दाँई या #Right_side* में बैठनेवाले  #Rightists* और
बाँई या #Left_side* में बैठनेवाले  #Leftists* कहलाए।

आज भारत में भी हम Rightists को #दक्षिणपंथी* और Leftists को  #वामपंथी* नाम से जानते हैं।

#Edom* का #वामपंथ*
Edom is in modern Jewry
का शब्दशः अर्थ है आधुनिक यहूदियों में ईदोम का रक्त है।

बेबिलोनिया के सम्राट के वंश को *Edom* कहा जाता है।
जीसस क्राइस्ट से ५३६ वर्ष पहले बेबिलोनिया के सम्राट के भीतर ये सनक पैदा हो गई कि वो और उसके रक्त संबंधी संसार की सर्वश्रेष्ठ प्रजाति हैं और ये उनका आध्यात्मिक दायित्व बनता है कि अंधकार में डूबे विश्व को प्रकाश का अनुभव कराया जाए।

फिर उन्होने इज़रायल पर आक्रमण कर दिया।

तब का इज़रायल अरब सहित एक बड़ा देश होता था। और बेबिलोनिया आज के ईराक और निकटवर्ती क्षेत्रों से मिलकर बनता है।

बेबिलोनिया के सम्राट और उसके वंशजों के आक्रमण से इज़रायल के लोग चारों दिशाओं में भागे। उनकी एक शाखा भारत आकर कश्मीर में भी बस गई थी। आज के कश्मीरी मुस्लिम वही हैं।

इस आक्रमण के बाद पुराने निवासी #Judah* और नए #Judea* यहूदी कहलाए।

रक्तपात द्वारा ज्ञान का प्रकाश लाने वाले इस जबरदस्ती के देवता को #Lucifer* कहा गया।

समय के साथ लूसिफर का पंथ उसे अपने देवता की तरह पूजने लगा। किंतु Judah लोगों के लिए उनके द्वार खुले नहीं थे। फलतः वे लोग Judea को भय और रहस्य का पंथ मानते थे।

वैसे लूसिफर का पंथ आज के मनोविज्ञान और विज्ञान के जन्म का आधार है। क्योंकि लूसिफर अपने साथ ज्ञान की गुप्त प्रक्रियाएँ लाया था जिनमें रासायनिक प्रयोग, भौतिक विज्ञान और मानव मन पर कब्जे के प्रयोग थे।

कालांतर में जीसस का उद्भव हुआ। Judah में जन्मा होने के कारण उनके मन में लूसिफर और उसके पंथ के प्रति स्वाभाविक घृणा थी।
इसीलिए जब उनकी बात सुनी गई तो उन्होने Judea को शैतान के अनुयायी और लूसिफर को शैतान घोषित कर दिया।

ईसाईयत के शक्तिशाली होते ही लाखों हत्याकांड और अग्निकांड इस एक बात पर हो गए। लूसिफर का पंथ छुपकर साधना में लगा रहा।

किंतु Judah  और Judea दोनो को यहूदी माना जाता है। इसलिए #Jewish_Encyclopedia ने १९२५ में यह तथ्य ग्रहणीय माना कि #Edom_is_in_modern_Jewry.
आधुनिक यहूदियों में ईदोम का रक्त है।

किंतु मैंने अनुवादित किया था कि "अब यहूदी का न्याय लाल होगा।"

एक रबाई के बेटे Adam Weishaupt ने १ मई १७७६ को एक संगठन की नींव रखी #Illuminati*
१ मई मजदूर दिवस घोषित किया जाता है क्रांति के बाद। कम्यूनिस्ट सत्ता का #पवित्र_दिवस*।
कारण भले ही दूसरे बताए हों ये जन्मदाता को सांकेतिक नमन है।

क्रांति के आरंभिक दौर में लाल रंग की #फिर्जीयन_टोपियाँ क्रांति के प्रतीक रूप में प्रचलित हो गईं।

क्रांतिकारियों के लैटरपैड पर आँख वाला पिरामिड बना होता था , बिलकुल ऊपर। ये Illuminati और Free Masons का प्रतीक चिन्ह है।

विश्व के Senior Communists रशिया या चीन को अपने आदर्श नहीं मानते। फ्रांस की क्रांति के छुपे हुए षड़यंत्र रचयिताओं के लिए उनमें अगाध श्रद्धा है। पर ये लोग अपने को गुप्त ही रखते आए हैं इसलिए वो श्रद्धा प्रकट नहीं हो सकती।

फ्रांस की क्रांति का ध्वज लाल रंग का ही था। यही नहीं इसके बाद समाजवाद, साम्यवाद, सामाजिक न्याय आदि के नाम पर जितने रक्त रंजित विध्वंसक उपद्रव हुए हैं सबका झंडा लाल ही रहा है।

और सबसे महत्वपूर्ण तथ्य तो ये है कि रशिया में लेनिन को इन अंतरराष्ट्रीय बैंकरों ने फायनेंस किया कि रशिया में तख्तापलट हो सके।
तख्तापलट के बाद टोटेलिटेरियन तानाशाही स्थापित हुई और लेनिन ने ध्वज रखा  लाल , हँसिया हथौड़ा और उस पर #Star_of_Judea* जूदिया का सितारा।

ये सब मात्र संयोग नहीं हैं।

१७८७ तक फ्रांस के दरबार में
*Edom* के वंशज *Lucifer* का *वामपंथ* अध्यक्ष के बाँई ओर बैठ चुका था।

#Goyim_The_Reign_of_Terror*
गोयिम, आतंक का राज।
अमेरिकी गृहयुद्ध में बिना कारण कूदने की वजह से फ्रांस की आर्थिक हालत पहले ही पतली हो गई थी। उस पर सम्राट के निजी खर्च कम ही नहीं हो रहे थे। विशिष्ट वर्ग और पादरी वर्ग भी पीछे नहीं था। फलतः देश की दुर्दशा होती जा रही थी और सम्राट संभालने में अक्षम हो रहा था।

ऐसे समय में तुर्गों नामक विद्वान ने राय दी कि Nobles को करप्रणाली के अंतर्गत लाया जाए।
सम्राट को लगा ये विचार काम करेगा पर उलटा हो गया। विशिष्ट वर्ग भड़क गया।

फ्रांस का ये विशिष्ट वर्ग ३००/४०० वर्ष पहले तक सेना का नेतृत्व करता था। तथा प्रजा की रक्षा हेतु तत्पर रहता था।
इसलिए सम्राट की ओर से इनको बड़ी बड़ी जागीरें और भारी भरकम सम्मान मिला हुआ था। किंतु अब सब सेना के हाथ था और ये लोग देश पर बोझ हो गए थे।

विशिष्ट वर्ग ने कर चुकाने से साफ मना कर दिया।

इधर Rothschield के बैंकरों ने देश के उद्योगपतियों को दिया धन खींच लिया। सारी अर्थव्यवस्था जाम कर दी गई।
सम्राट लुइस समझ ही नहीं पा रहा था कि क्या हो रहा है, और स्थिति बिगड़ती चली गई।

ऐसे समय में इन्हीं बैंकरों ने सम्राट को बड़ी रकम देश और राजमहल चलाने को कर्ज़ रूप में दी। ऐसा उन्होने बार बार किया और सम्राट को अपने शिकंजे में जकड़ लिया।

उधर बालसामो और उसकी टीम ने Duke De'Orleans के महल पैलेइस रॉयल को दुराचार का खुला अड्डा बना दिया था। अब वहाँ भले घर की महिलाएं उठा कर लाई जाती थीं , उनके सामुहिक बलात्कार होते थे और फिर उन्हें ब्लैकमेल करके दूसरी कन्याओं व महिलाओं को बुलवाया जाता था।
पुरुषों के लिए जुए व शराब के अतिरिक्त नए नए रासायनिक नशे उपलब्ध होने लगे। ये सब करने वाले प्रशिक्षित अपराधी थे जो बाहर से आए थे। अब उन्होने यहाँ अपनी समानांतर सत्ता स्थापित कर ली थी। #लोकतंत्र के गर्भधारण काल में ही #Underworld* का जन्म हो चुका था।

आमजन इस बात से बेखबर था कि ये सब कौन लोग कर रहे थे। उनके लिए तो इतना ही काफी था कि ये महल सम्राट के चचेरे भाई का है। बदनामी ड्यूक की हो रही थी और काम षड़यंत्र रचयिताओं का हो रहा था।

राज परिवार के बारे में एक के बाद एक झूठे किस्से प्रचारित होने लगे।
ये सब कौन कर रहा था कुछ पता नहीं लगता था।बस ऐसे ही जहाँ दो चार लोग इकट्ठे हो जाते कोई इस तरह की बातें उछाल कर चलता बनता। शेष कार्य जनता स्वयं कर लेती थी।
अक्सर ये *कोई* अनजान सा चेहरा होता था पर लोग इस पर बिलकुल ध्यान नहीं दे रहे थे। उन्हें पहली बार सम्राट और महारानी की रोचक कामुक गाथाएँ हाथ लग थीं। वे इसमें मगन थे।

और उधर धीरे धीरे फ्रांस में *Goyim* की रचना हो रही थी।

इस्लाम जिसे #दार_उल_हरब* अर्थात् युद्ध की भूमि कहता है, उसी को ये लोग गोयिम कहते हैं। मतलब वही है। जो हमारे मत से सहमत नहीं हैं उनकी भूमि गोयिम है, जहाँ क्रांति की सख्त आवश्यकता है।

*Goy एक Yiddish शब्द है जिसका अर्थ है गैर यहूदी । अनेक वचन Goyim । Yiddish, युरोपियन यहूदीयों की अपभ्रष्ट भाषा है । विचारणीय यह भी है कि Rothschild यहूदी ही है।*

इतिहास के अधिकांश विद्यार्थी लुइस १६ वें की पत्नी और फ्रांस की महारानी #Marie_Antoinette को एक फिजूलखर्च अय्याश महारानी के रूप में ही जानते हैं।
ये एक सामान्य तथ्य के रूप में स्वीकार लिया गया है कि Marie Antoinette अपने पति के कई करीबी मित्रों और चर्च से जुड़े कुछ बड़े मठाधीशों से प्रेम प्रसंगों में उलझी थी। और इन्हीं पर बेहिसाब दौलत बहा रही थी।

ये महारानी Marie Antoinette का वो चित्र है जो बालसामो और उसके भाड़े के दुष्प्रचारकों  ने जनता के बीच खींचा था।
जनसामान्य में महारानी के प्रति प्राणघातक घृणा के संचार के उद्देश्य से ये बालसामो की पुरानी *L'Infamie* तकनीक थी जो चरित्र हत्या के लिए प्रयोग की जाती थी।
किंतु इस संबंध में इन लोगों का झूठ का पुलिंदा इतिहासकार बहुत पहले ही नकार चुके हैं। इतिहासकारों के शोध प्रमाणित करते हैं कि जिस धैर्य और सहनशीलता से उसने अपने शत्रुओं के अत्याचारों को सहा और जिस गरिमा और साहस से उसने अपने प्रारब्ध के क्रूरतम प्रहार को स्वीकार किया उसकी आशा एक उच्छृंखल दुष्चरित्र महिला से नहीं की जा सकती।

मैरी एंटोइनेट ऑस्ट्रिया की राजकुमारी थी। जब १७८५ में वेइज़हाउप्त के हस्तलिखित कुछ दस्तावेज उजागर हुए जिनमें भविष्य में सारे यूरोप से चर्च और राजवंशों को उखाड़ फेंकने की योजना विस्तार से लिखी गई थी, तब Marie Antoinette की बहन ने उसे बहुत से लंबे लंबे पत्र लिखकर सारे षड़यंत्र से बार बार अवगत कराया पर उसने कोई ध्यान नहीं दिया। अंत में एक पत्र के जवाब में उसने बस यही लिखा था कि, " मैं बहुत खुश हूँ कि तुम मेरी इतनी चिंता करती हो। हाँ , सुना है यूरोप के कुछ भागों में Free Masons और Illuminati कोई षड़यंत्र रच रहे हैं, पर जहाँ तक फ्रांस का संबंध है, बेफिक्र रहो। यहाँ ऐसा कुछ नहीं होने वाला।"

इतिहास साक्षी है कि वो कितनी गलत थी।

Marie Antoinette को बदनाम करने के लिए Illuminati के sleeper cells ने अपने England के सहयोगियों के साथ मिलकर एक घृणित नाटक रचा।
ऐसे समय जब फ्रांस की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी, और सम्राट यहूदी बैंकरों के ऋण के बोझ से दबा जा रहा था, राजा के खास सुनार के पास एक बहुत ही मँहगे हीरों के हार का order गया, महारानी की ओर से। तब उसकी कीमत ढाई लाख livers (फ्रांस की मुद्रा) थी। अनाम चेहरे चौराहों पर इस हार का प्रचार करते दिखने लगे। लोग सदा की तरह हार में उलझ गए बजाय उन चेहरों पर गौर करने के।

हार तैयार हुआ और महल में लाया गया। किंतु महारानी ने उस हार के बारे में अनभिज्ञता जाहिर करते हुए सुनार को लौटा दिया। किंतु इस सूचना को दबा दिया गया।

जैसा कि बालसामो और उसकी टीम चाहते थे हार का प्रचार ठीक वैसा ही हुआ था। बालसामो ने अपने दुषप्रचारतंत्र को सक्रिय कर दिया था। Marie Antoinette का नाम घृणा से लिया जा रहा था। और जैसा कि होता रहा है, उस व्यक्ति पर कभी किसी ने भी उंगली नहीं उठाई जिसने ये अफवाहें आरंभ की थीं।

इसके बाद बालसामो ने अपने ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया।
हवा में एक नई बात फैलने लगी कि उक्त हीरों का हार महारानी को उसके एक प्रेमी ने उपहार दिया है।
रोहान के #Cardinal_Prince  को महारानी के झूठे हस्ताक्षर सहित एक पत्र भेजा गया जिसमें उनसे अनुरोध था कि "हार के बारे में बात करने के लिए आधी रात को पैलेइस रॉयल पर मिलें।"
एक वैश्या को महारानी की तरह तैयार किया  और Cardinal को भी इस प्रकरण में उलझाया गया।

अगले दिन क्रांतिकारियों के समाचारपत्र और पैंप्लेट महारानी और कार्डिनल के रंगीन किस्सों से पटे पड़े थे।

इस प्रकार L'INFAMIE द्वारा राजवंश और चर्च के दो शीर्षस्थ व्यक्ति चारित्रिक हत्या के शिकार बनाए गए।

अब अगला चरण आसान था।

#The_Reign_of_Terror
Beginning
आतंक का राज आरंभ .....

इतिहास के रिकॉर्ड बताते हैं कि वो हार अपने लक्ष्य की पूर्ति के बाद England ले जाया गया और वहाँ Eliason नामक यहूदी ने वे सारे हीरे निकलवा कर खरीद लिए। सवाल है कि तब उसे बेचने वाले कौन थे ????
और उस बड़ी धनराशि का उपयोग क्या हुआ ????
उत्तर स्पष्ट है। उससे *Reign_of_Terror* का प्लॉट तैयार किया गया।

Rothschield और उसके कुटिल बैंकरों ने फ्रांस की अर्थव्यवस्था को जिन तरीकों से बरबाद किया था उन पर जरा गहन दृष्टि डालें तो आगे का पूरा खेल सही समझ पड़ सकता है।
साथ ही ये भी पता चलता है कि इसके बाद इसी पद्धति का प्रयोग  अमेरिका, रशिया, स्पेन सहित सारे विश्व में आजमाया गया और आजतक चल रहा है।
#Sir_Walter_Scott* अपने विशाल ग्रंथ #The_Life_of_Napoleon* में बताते हैं कि "इन सूदखोर ऋणदाताओं ने फ्रांस की हालत उस दीवालिए जैसी कर दी थी जो इनके चक्कर में अपनी सारी दौलत गँवाकर भी १% भी उबर नहीं पाता। बल्कि और गहरा इनके बनाए दलदल में धंसता जाता है।"
एक हाथ से ये सतत ऋण देते जा रहे थे और दूसरे हाथ से उसे वसूलने के नाम पर सत्ता को अपने बताए नियम लागू करवा रहे थे। इनके एजेंट बेहिसाब अधिकार संपन्न होते जा रहे थे जो सम्राट के लिए खतरे का संकेत था। फ्रांस का पूरा अर्थतंत्र संपूर्ण अराजकता की स्थिति में आ चुका था।

पर इसकी तैयारी इन लोगों ने १७८६ से ही कर दी थी। युद्ध से थके फ्रांस की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए तब भी भारी भरकम ऋण के लिए सम्राट ने इनको याद किया था।
एक मदद के तौर पर  इन्होने अपने ही एक एजेंट #M_Necker* को राजसभा में वित्त प्रबंधन मंत्री का प्रमुख पद दिलवाया। उसके पीछे कारण बताया कि ये व्यक्ति आर्थिक मामलों को संभालने में सिद्धहस्त है। घाटे में डूबे फ्रांस को ये कुछ ही समय में शिखर पर ला देगा।
और इस महारथी ने जो किया वो ये था कि चार बरसों में फ्रांस पर यहूदी बैंकरों का कर्ज़ बढ़कर *£१७ करोड़* तक आ गया।

एक लकवाग्रस्त अर्थव्यवस्था के लिए क्रांति मरणांतक आघात सिद्ध होने वाली थी।

प्रचारतंत्र, राजनैतिक व्यवस्था, उद्योग आदि पर अपना शिकंजा मजबूती से कसने के बाद #महान_क्रांति का मंच सज चुका था।

#अज्ञेय
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Courtesy: https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=473889112952107&id=100009930676208

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