Wednesday, 1 March 2017

ताजमहल_हिन्दूओ_का_ही_है भाग-१

#ताजमहल_हिन्दूओ_का_ही_है

1-ताजमहल का नाम औरंगजेब तक के किसी भी दरबारी  दस्तावेज में कही नही मिलता है।

2- यह अगर इस्लामी कब्र है तो इसे महल कहने का क्या औचित्य।

3- सामान्य धारणा है कि इसका नाम शाहजहां की पत्नी मुमताज महल के नाम पर था। पर उसका नाम तो मुमताज उलू जमानी था।

4- चलो माना उसका नाम मुमताज महल था तो उस महिला के नाम के आगे के दो अक्षर उड़ाकर किसी इमारत का नाम कैसे रखा जा सकता है। यदि मुमताज के नाम पर होता तो इमारत का नाम मुमताज महल होता न

5- शाहजहां के समय भारत में आये हुए पर्यटको ने ताजमहल का उल्लेख ताज ऐ महल नाम से किया है जो तेजो महालय का अपभ्रंस है और शिव मंदिर का सूचक भी।

6-ताज महल दोनों शब्दों को आपस में नही जोड़ा जा सकता क्योंकि महल संस्कृत शब्द है।

7-यदि ताजमहल मकबरा होता तो उसे महल न कहा जाता क्योंकि महल में तो सजीव व्यक्ति रहते है न।
8- तेजो महालय में अग्रनगर के शिव को स्थापित किया गया है अग्रनगर अर्थात आगरा।

9-कब्रिस्तान में जुते पहनना आवश्यक होता है तथा मंदिर में जुते उतारना आवश्यक होता है। अगर ताजमहल मकबरा होता तो यहाँ जूते उतरने की परंपरा क्यों?

10- संगमर्मरी जाली के शिखर पर बने कलशों की कुल संख्या 108 है जो पवित्र हिन्दू परम्परा है।

11-ताजमहल के उपरली किनारे पर स्थित नाग नागिन के चित्र जड़े होने से लगता है कि यह जरूर मंदिर होगा मकबरे में नाग नागिन का क्या काम ?

12- 80% से ज़्यादा संगमरमर की कटाई शाहजहां के जन्म के पहले की है।

13- आगरा में ज़्यादातर जाट रहे थे जो शिव जी को तेज श्री कहकर बुलाते हैं।

14- शाहजहांनामा में एक जगह 403 पृष्ठ पर लिखा गया है कि राजा इमारत के आलिशान मुमताज को दफनाने के लिए जयपुर के महाराज जय सिंह से छीन लिया गया।

15- प्राप्त दस्तावेजों में मुमताज का नाम मुमताज उलू जमानी कहा गया है ।

16- सन 1652 में औरंगजेब शाजहाँ को पत्र लिखता है कि मुमताज की कब्र वाली इमारत में दरार पड़ गयी है जिससे कब्र में पानी टपकता है और शाजहाँ को स्वयं के खर्चे से मरम्मत की आज्ञा देता है।

17-दिसम्बर 17 सन 1633 शाहजहां जयपुर नरेश को धमकी भरे पत्र लिखता है जिसमे मंदिर की मांग की गयी है। वे पत्र आज भी जयपुर संग्रहालय में आज भी गुप्त रूप में रखे हुए हैं।

18- अभी तक राजस्थान के बीकानेर अभिलेखागार में तीन पत्र अभी भी सुरक्षित रखे हुए हैं।उनमें एक चौथा पत्र भी है जिसमे तेजोमहालय हड़पने के पश्चात मुमताज दफनाने के लिए और संगमरमर की डिमांड की गयी।पर जय सिंह ने कुछभी नही भेजा।

बाकी अगली पोस्ट पर

जुड़िये  इस पोस्ट को हम तक पहुंचाने वाले प्रथम चतुर्वेदी जी से ।।

साभार https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=228785604251331&id=100013596791837

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