Friday 3 March 2017

राजपूत_अहोम_वंश_और_बख्तियार_खिलजी

#राजपूत_अहोम_वंश_और_बख्तियार_खिलजी

मानव प्रगति के इतिहास में मुहम्मद-इब्न-बख्तियार खिलजी ....
एक बेहद ही नराधम पशु का नाम है...!

और इसी मूर्ख और उज्जड बख्तियार खिलजी ने.... सारे संसार में विख्यात भारत के हिन्दू-शिक्षा केन्द्रों को चुन चुन कर जलाते हुए.... अपनी मुस्लिम मानसिकता और पशुता का परिचय दिया था....!

बख्तियार खिलजी नाम का यह जानवर.... गुलामों के बाजार में कई बार बिका था.... और, कई बार नौकरियों से भी निकाला गया था....!
फिर भी, इस इस्लामी जानवर का नाम बहुत ही लम्बा चौड़ा और तड़क-भड़क वाला है ..... "मलिक गाजी इख्तियार अदू दीन मुहम्मद इब्न बख्तियार खिलजी""...!

हालाँकि, अपने आदमकाल से ही मानव ....ज्ञान एवं प्रगति की वृद्धि के लिए.... अपनी एडी चोटी का जोर लगा रहा है..... लेकिन.... ये मानवरूपी पशु ... बख्तियार खिलजी .... उस मनहूस मुस्लिम जेहादियों के गिरोह का सदस्य था.... जिहोने हिन्दुस्थान के पुस्तकों, ग्रंथो और विद्या केन्द्रों को दीमक की तरह चाट लिया ...!

बख्तियार खिलजी .... पापियों का एक शहजादा और... मानवजनित इस्लामी पशु था.... फिर भी, इसके नाम बिहार में एक शहर बसा हुआ है .... जिसके बगल में ही नालंदा की लाश पड़ी हुई है....!
कभी कभी बेहद आश्चर्य होता है की यह कैसा देश है....?????

शायद.... सेकुलरवाद के नाम पर दोहरापन .... मृत और नपुंसकता.... हमारे भारत की एक और विशेषता है...!
इलाहाबाद .... अहमदाबाद ... गाजियाबाद ... बख्तियारपुर ... आदि नाम ... भारत के सीने में आज भी .... इस्लामी गुलामी की चमचमाती मुहरें हैं... और, ना जाने कब हमें इन मुहरों से आजादी मिलेगी...???
खैर....

बख्तियार खिलजी....गर्मगीर प्रान्त के "गोर" नामक जगह का एक खिलजी था.... जहाँ वो मुहम्मद गोरी के घरेलु कामों में हाथ बंटा कर.... तथा, गोरी के लिए.... औरतों और लड़कियों की दलाली कर ... उस गोरी की खिदमत किया करता था....!

परन्तु... वहां से बख्तियार खिलजी को लात मार कर निकाल दिया गया.... जिसके बाद वो अन्य मुस्लिम जेहादियों के साथ भारत आ गया.... और, यहाँ दिल्ली के पास मुस्लिम सैनिकों के लिए.... वही दलाली का काम शुरू कर दिया.... लेकिन.. बहुत ही जल्द यहाँ से भी उसे निकाल दिया गया....!

दुर्भाग्य कि.... उस समय भारत किसी भूकंप की सी अवस्था में था.... और... भारत में मुस्लिम जेहादियों द्वारा छोड़े गए लाश और मलबे जहाँ -तहां बिखरे पड़े थे......!
इसी हडकंप का फायदा उठा कर ... वो बख्तियार खिलजी ... किसी पत्थर सा लुडकता हुआ ... बदायूं तक जा पहुंचा ...और वहां उसने एक एनी मुस्लिम लुटेरे हिजबर हसन के पास हिन्दू हत्या अभियान में शामिल हो गया....!

वहां से वह.... हिन्दू स्त्रियों का बलात्कार करता ... हिन्दू घरों को लूटता ... हिन्दुओं की संपत्ति बटोरता और हाथी -घोड़ों को चुराता-चुराता .... लुटेरों का सरदार हो गया....!

वहां से वो.... नालंदा विश्वविद्यालय को लूटता -जलाता ... बंगाल के नदिया पर कब्ज़ा कर लिया....!
बंगाल से वो....
         असम की और कूच किया..... जहाँ राजा आसामी राय का राज था....!

परन्तु.... उस खिलजी को असम जाना बहुत भारी पड़ गया..... और, दूरदर्शी रजा आसामी राय की हिन्दू सेना ने..... खिलजी की लुटेरे और जेहादियों की फ़ौज को घेर लिया.... और, ज्यादतर को मार दिया या घायल कर दिया....!
बख्तियार खिलजी.... मार खा कर बदहवास सा असम से भागने लगा..... परन्तु राजा आसामी ने..... असम और बंगाल के बीच के बीस खम्भा पुल को तोड़ दिया... और, ऐसा इंतजाम कर दिया कि...... बख्तियार खिलजी और उसके गुर्गों को.... खाने का एक दाना तक नसीब नहीं होने लगा..... और, वे अपने घोड़ों को ही मार कर खाने लगे....!
फिर भी..... राजा आसामी राय ने इसका पीछा नहीं छोड़ा.... और, इन सूअरों को रगेदना प्रारंभ किया.... जिस से घबडा कर .... जान बचाने के लिए..... खिलजी और उसके जेहादी लुटेरे गहरी ब्रह्मपुत्र नदी में कूद पड़े .... और, लगभग सारे के सारे.... उसी ब्रह्मपुत्र नदी में डूब कर मर गए....!

लाखों की सेना में से.... मुश्किल से.... 100 लोग ही नदी के उस पार पहुँच सके....!
इस विपत्ति और परेशानी का मारा... वो नराधम बख्तियार खिलजी.... देवकोट पहुँच कर बीमार पड़ गया..... और, वो कभी भी घर से बाहर नहीं निकलता था.... क्योंकि, बाहर निकलने पर.... उन लुटेरे जेहादियों के पत्नी और बच्चे अपने घरों पर खड़े होकर इस पर चीखते-चिल्लाते और.... इसे गालियाँ देते थे.....!
अंत में सन 1250 ईस्वी में..... शर्म से मुंह छुपाये वो बख्तियार खिलजी... एक कोने में पड़ा हुआ था..... तभी... अली मरदान नामक एक दूसरा जेहादी आया और.... उसे गालियाँ देता हुआ चाकुओं से गोद कर..... उसे 72 हूरों के पास भेज दिया...!

दरअसल..... बख्तियार खिलजी नामक.... नराधम और नरपशु की हत्या का पूरा श्रेय हमें राजा आसामी राय को देना चाहिए ..... बख्तियार खिलजी नामक....  जिन्होंने इन जेहादियों की नब्ज को पकड़ते हुए.... इन्हें झाड पोंछ कर सदा के लिए साफ़ कर दिया... !
नमन है ऐसे हिन्दू वीरों को....

भगवान् हम हिन्दुओं में ऐसे वीर और सूझबूझ वाले योद्धा बारम्बार पैदा करें....!

साभार https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=258440701271379&id=100013163531113

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