गो सेवा न करना नरक देता है, Denying protection of cows leads to hell
सर्वा॒न्कामा॑न्यम॒राज्ये॑ व॒शा प्र॑द॒दुषे॑ दुहे । अथा॑हु॒र्नार॑कं लो॒कं नि॑रुन्धा॒नस्य॑
याचि॒ताम् ॥ अथर्व 12-4-36
समस्त समाज को गो धन और सेवा का अवसर प्राप्त होना चाहिए , सब को
आवश्यकतानुसार गोसेवा का अवसर ( दूध इत्यादि न मिलने से ) समाज नरक समान
बन जाता है| गौ से यम राज के यहां भी सब इच्छा पूरी होती हैं, परन्तु गौ की सेवा न
करने से नरक से छुटकारा नहीं मिलता।
Not making provision for good cowsfor every one & denying cow
products to the needy, turns the society in to a living hell.
Artificial Insemenation is not desirable क्रित्रिम गर्भाधान गौ को बांझ बनाता है
गौ को वृषभ आवश्यक है, Cows denied bulls for mating are angry cows
प्र॑वी॒यमा॑ना चरति क्रु॒द्धा गोप॑तये व॒शा । वे॒हतं॑ मा॒ मन्य॑मानो मृ॒त्योः पाशे॑षु
बध्यताम् ॥ अथर्व 12-4-37
गौ को वृषभ का सहवास न मिलने पर गौ क्रोधित और बांझ होने लगती हैं।
(क्रित्रिम गर्भाधान में गौ बांझ होने लगती हैं )
Denial of breeding to good cows makes them angree and infertile
and curse the keepers to Death. (Modern practice of
artificial insemination is known to cause infertility. This is a
challenge for modern Dairy Practice.)
साभार: https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=10211851741506145&id=1148666046
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